मंदसौर। पिछले कुछ सालों से निजी चिकित्सक प्रसूताओं की सामान्य डिलेवरी कराने में कम रूचि ले रहे हैं और वे अधिकांश की डिलेवरी ऑपरेशन से कर रहे हैं। शहर में कई चिकित्सक अब भी अपने निजी नर्सिंग होमों में शत प्रतिशत डिलेवरी ऑपरेशन से कर रहे हैं। सामान्य डिलेवरी कराने की इच्छा लेकर अाने वाले मरीजों को ये डॉक्टर सरकारी अस्पताल में भेज देते हैं।चिकित्साक्षेत्र के जानकारों की मानें तो निजी अस्पतालों के लिए सरकार अभी तक कोई प्रभावी नियम कानून कायदे बनाने में नाकाम रही हैं। इसीलिए नियमों का अभाव है। जिसका निजी अस्पतालों के संचालक जमकर फायदा उठा रहे हैं।
इसी बीच कलेक्टर के आदेश ने निजी अस्पताल के मालिकों की नींद उड़ा दी हैं। श्रीमती अदिती गर्ग ने निजी चिकित्सालयों में सामान्य प्रसव न होते हुए ऑपरेशन के माध्यम से करवाये जा रहे प्रसव की जांच के लिए आदेश जारी किया है। निजी चिकित्सालयों में सामान्य प्रसव न होते हुए अविश्वसनीय रूप से अत्यधिक संख्या में प्रसव ऑपरेशन के माध्यम से करवाये जा रहे है, जिससे आमजन को धन हानि तो हो ही रही है, वरन आपरेशन की व्यर्थ मनमानी प्रक्रिया से प्रसूता के स्वास्थ्य एवं जीवन को कष्ट होकर जनहानि की पूर्ण संभावना बन रही है। ऐसा सम्पूर्ण मंदसौर जिले के निजी अस्पतालों में भी होना संभावित है।
इसी बीच कलेक्टर के आदेश ने निजी अस्पताल के मालिकों की नींद उड़ा दी हैं। श्रीमती अदिती गर्ग ने निजी चिकित्सालयों में सामान्य प्रसव न होते हुए ऑपरेशन के माध्यम से करवाये जा रहे प्रसव की जांच के लिए आदेश जारी किया है। निजी चिकित्सालयों में सामान्य प्रसव न होते हुए अविश्वसनीय रूप से अत्यधिक संख्या में प्रसव ऑपरेशन के माध्यम से करवाये जा रहे है, जिससे आमजन को धन हानि तो हो ही रही है, वरन आपरेशन की व्यर्थ मनमानी प्रक्रिया से प्रसूता के स्वास्थ्य एवं जीवन को कष्ट होकर जनहानि की पूर्ण संभावना बन रही है। ऐसा सम्पूर्ण मंदसौर जिले के निजी अस्पतालों में भी होना संभावित है।
जिला मुख्यालय मंदसौर में स्थित निजी चिकित्सालयों में ऐसे प्रकरणों में हो रही अनियमितताओं की जांच हेतु श्री राकेश शर्मा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, एन.एच.एम. कार्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मन्दसौर को नियुक्त किया जाता है। श्री शर्मा तीन दिवस में उपरोक्त जांच कर चिकित्सालयवार जानकारी एवं अनियमितता पाये जाने पर उसके विरूद्ध कार्यवाही के प्रस्ताव मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला मन्दसौर के माध्यम से कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे।
इसके अतिरिक्त संबंधित अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अपने उपखण्ड क्षेत्र में स्थित निजी चिकित्सालयों की जांच हेतु अपने स्तर पर समिति गठित कर जांच प्रतिवेदन मय स्पष्ट अभिमत एक सप्ताह में कलेक्टर को प्रस्तुत करें।

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