नवीन मान्यता नियमो के विरोध में भानपुरा अशासकीय स्कूल संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को दिया ज्ञापन विगत कई वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के निजी विद्यालय अपना योगदान देते आ रहे है | ग्रामीण एवं कस्बाई क्षेत्रो के अधिकांश स्कूल बड़े बड़े प्रायवेट स्कूलों की प्रवेश फीस मात्र के बराबर की राशी में पूरा साल अध्यापन करवाते आ रहे है | ये समस्त प्रायवेट स्कूल अभी तक शासन के द्वारा निर्धारित समस्त मान्यता मानदंड पुरे किये जाकर मान्यता लेते आ रहे है| इस वर्ष शासन द्वारा मान्यता नवीनीकरण के जो मापदंड निर्धारित किये उनमे से निम्न मुख्य बिंदुओ है|
1. रजिस्टर्ड किरायानामा के स्थान पर पूर्व के अनुसार नोटरीकृत किरायानामा स्वीकृत किया जाए और कम से कम एक वर्ष की मान्यता में वृद्धि की जाए |
2. मान्यता में लगने वाली सुरक्षा निधि हटाई जाए|
3. मान्यता के लिए लगने वाले शुल्क को भी हटाया जाए|
4. निजी विद्यालयों में अध्यापन करवाने वाले अनुभवी शिक्षको को भी प्रशिक्षित की श्रेणी में मानकर अध्यापन कराये जाने हेतु पात्र माना जाए|
5. अप्रशिक्षित शिक्षको के लिए 05 वर्ष की छुट देकर पूर्व की भांति ओपन स्कुल से डी एल एड करवाया जाये |

हमारा संगठन अशासकीय विद्यालय प्रदेश संगठन के आज के आन्दोलन का पूर्ण रूप से समर्थन करता है |
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