भानपुरा। ( *साहिल अगवान*) विधानसभा चुनाव-2023 के तहत विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले मतदान के लिए 15 नवंबर यानी आज शाम पांच बजे तक प्रचार-प्रसार का शोर थम गया। मतदान की समाप्ति समय के 48 घंटे पूर्व से सार्वजनिक मंचों से प्रचार-प्रसार प्रतिबंधित रहेगा, लेकिन इस दौरान प्रत्याशी घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे। समय की कमी के बाद भी प्रत्याशीयो ने पूरा दम लगा दिया,
*भाजपा कांग्रेस में सीधा मुकाबला*
गरोठ भानपुरा से 7 प्रत्याशी मैदान में है। जिसमे से तीन राष्ट्रीय दल से है और 4 निर्दलीय जिसमे कांग्रेस से सुभाष कुमार सोजतिया भाजपा से चंदरसिंह सिसोदिया और बसपा से जगदीश रंगोठा बाकी प्रत्याशी निर्दलीय मैदान में है जिसमें से कई तो ऐसे है जिसे भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी ने मैदान में उतारा है। इस सीट पर सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस में ही है।
*मतदाता हुआ खामोश कई लोग ने बनाई चुनाव से दूरी*
विधानसभा क्षैत्र का मतदाता इस बार खामोश नज़र आ रहा है तो वही कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता ने दीवाली और खेती और फसलों के मध्य नज़र अपने कार्यों को प्राथमिकता देते हुए चुनाव से दूरी बनाई हुई है। मतदाता के खामोश नज़र आने पर राजनीती विश्लेषक भी किसी भी राजनीतिक पार्टी की जीत का अनुमान नहीं लगा पा रहे है। लोग इस बार दोनों उम्मीदवार में टक्कर बता रहे है।
*केंद्र के कार्यों को लेकर भाजपा मैदान में कांग्रेस भ्रष्टाचार और रोजगार की कर रही बात*
18 साल सत्ता में रहने के बाद भी भाजपा केंद्र सरकार द्वारा कराए गए कार्य और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से वोट मांग रही हैं। जिससे जाहिर है कि 18 साल बाद भी प्रदेश सरकार के पास कोई खासी उपलब्धि नहीं है। तो वही कांग्रेस भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार मुक्त क्षेत्र के साथ युवा को रोजगार देने का वचन दे रही हे।
*लाडली बहना योजना के भरोसे भाजपा*
भाजपा सरकार ने महिला को लुभाने और महिला वोट बैंक को अपने तरफ करने के लिए लाडली बहना योजना की शुरुवात की ओर महिला को 1000 रुपए प्रतिमाह देना शुरू किया था। मगर भाजपा के संकल्प पत्र के बाद कही भी लाडली योजना की राशी बड़ाने का जिक्र नहीं होने के मुद्दे को भुनाते हुए महिला को हर महीने 1500 रुपए देने की बात कर रही। देखना ये है की लाडली बहना योजना का भाजपा को कितना फायदा मिलता है।
*कांग्रेस का वचन पत्र तो भाजपा का संकल्प पत्र*
कांग्रेस के वचन पत्र जारी करने के बाद भाजपा ने भी संकल्प पत्र जारी किया है। दोनों में कई जगह समानता ही है मगर शासकीय कर्मचारियो ओर युवा का झुकाव कही ना कही कमलनाथ के वचन पत्र की ओर दिखाई दे रहा हे। 2018 में कांग्रेस की सरकार गिरा कर सत्ता आई भाजपा ने 2018 में किए अपने वादे नहीं निभा पाई ।
*विधानसभा क्षैत्र में युवा और किसान बनाते हैं विधायक, मुख्यमत्री के चहरे पर करते हैं मतदान,भाजपा ने नहीं किया मुख्यमंत्री का चेहरा सामने*
गरोठ विधानसभा क्षेत्र में विधायक के चुनाव में फेर बदल में किसान और युवा की खासी भूमिका रहती हैं। इस क्षेत्र में किसान और युवा का झुकाव जिस प्रत्याशी की तरफ होता है, वो ही विधायक चुनाव में विजय होता है। युवा और किसान क्षेत्र में मुख्यमंत्री के चहरे पर करते हैं मतदान मगर भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री का चेहरा उजागर नहीं किया,
*सैनिकों के भरोसे चुनावी युद्ध*
समय की कमी के चलते दोनों ही प्रत्यशी पूरे दम खम से जनता के बिच गए मगर फिर भी कुछ जगह या हर व्यक्ति के पास तक नहीं पहुंच पाए अब दोनों ही प्रत्यशी की चुनावी जंग अपने कार्यकर्ता ( सैनिक) के भरोसे है। दोनों ही प्रत्यशी अपने मैनेजमेंट पर चुनाव लड़ रहे है। और अपना खेल जमीन के अंदर चला रहे है। कांग्रेस ने इससे पहले इतनी खामोशी से चुनाव कभी नहीं लड़ा तो, भाजपा अपनी हर बार की रणनीति से मैदान में है, दोनों ही प्रत्यशी इस बार जितने के लिए हर दाव खेल चुके है।
*पूर्व विधायक का कार्यकाल और गरोठ जिला भी अहम मुद्दा बना*
2018 में चंदरसिंह सिसोदिया का टिकिट काट भाजपा ने देवीलाल धाकड़ को मैदान में उतारा था, श्री धाकड ने गरोठ जिले बनाने की बात और पत्रों के माध्यम से खूब सुर्खियां बटोरी मगर गरोठ को जिला नही बना पाए जिससे गरोठ जिला बनाओ समिति और उससे जुड़े लोग खुश नहीं है उसके साथ ही श्री धाकड का कार्यकाल भी क्षेत्र के लिए कई खास नही रहा जिसे कांग्रेस ने अच्छा खासा पूरे चुनाव में भुनाया है,। और साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने 6 महीने में गरोठ जिला बनाने का वचन दे दिया। खेर ये मुद्दा कांग्रेस को कितना फायदा और भाजपा को कितना नुकसान करता है।
*17 को मतदान 3 को भाग्य का फेसला*
17 को जनता अपना मतदान करेगी और प्रत्याशी की किस्मत पेटी में पैक होगी और 3 तारीख को भाग्य का फैसला होगा जनता जिस को अपना बहुमत देगी वो क्षेत्र से विजय होगा।
दोनों ही प्रत्यशी 2015 उप चुनाव में भी आमने सामने चुनाव लड़ चुके हैं।

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