Advertisement

Breaking

Advertisement

Wednesday, July 5, 2023

सरस्वती शिशु मंदिर गरोठ मे हुआ विद्यारम्भ संस्कार कार्यक्रम

गरोठ - नगर की अग्रणी शैक्षणिक संस्था सरस्वती शिशु मंदिर गरोठ में नवीन प्रवेशी भैया बहनों का विद्यारंभ संस्कार का कार्यक्रम विद्यालय परिसर में वेद मंत्रों व यज्ञ में पूर्णाहुति के साथ संपन्न किया गया। कार्यक्रम में नव प्रवेशी भैया बहनों के माता-पिता तथा आचार्य दीदी ने भैया बहनों के हाथों से कलम और दवात का पूजन संपन्न करवाया और हाथों से पुष्टि पत्र पर कुमकुम सिंदूर से  प्रणव अक्षर ओम बनाकर उनके शैक्षणिक जीवन का शुभारंभ करवाया।
प्रचार प्रसार प्रमुख मनोज जोशी ने बताया कि उक्त विद्यारम्भ संस्कार कार्यक्रम के अंतर्गत नवप्रवेशी भैया / बहिनों के अभिभावकों द्वारा चारों वेदों का राज राजेश्वर शिवालय मंदिर मे पूजन कर गरोठ नगर से विद्यालय तक ढ़ोल -ढ़माको के साथ शोभा यात्रा निकाली गई।विद्यालय आने पर माताओ का पग पूजन विद्यालय के प्राचार्य तथा प्रधानाचार्य द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की अगली कड़ी मे विद्यालय केशव माधव शिक्षणसमिति के पदाधिकारी सरिता सेठिया (समिति उपाध्यक्ष ), अनिल कोटवाल( समिति सचिव),रघुनन्दन पाटीदार (अभिभावक प्रतिनिधि ),मनोज मगर  तथा विद्यालय के प्राचार्य कैलाश चंद्र जायसवाल प्रधानाचार्य अंतिम वर्मा, ओमप्रकाश व्यास (लेखापाल )और विद्यालय के भैया/बहिन,अभिभावक तथा आचार्य परिवार के द्वारा पवित्र हवन कुंड में वेद मंत्रों के साथ आहुतियां दी गई व भैया /बहिनों के सुखमय शैक्षणिक जीवन की कामना के साथ विद्यालय परिवार ने सम्पूर्ण राष्ट्र मे शांति और उन्नति की कामना के साथ ही भगवान इंद्र देवता से अच्छी बारिश की प्रार्थना की गई। भारतीय हिन्दू संस्कृति के गौरव सोलह संस्कारों मे से एक विद्यारंभ संस्कार कार्यक्रम मे अभिभावकों तथा समिति परिवार के पदाधिकारीयों द्वारा नवप्रवेशी भैया बहिनों को पीपल के पत्तों पर प्रणव अक्षर ओम लिखाकर सुखयम शैक्षणिक जीवन का शुभारम्भ किया गया।यज्ञ के कार्यक्रम को आर्य समाज परिवार के सक्रिय सदस्य चेतन आर्य तथा सहयोगी सदस्यों के मार्गदर्शन में संपन्न कराया गया। आगंतुक अभिभावकों से पूछने पर उनके द्वारा बताया गया कि सरस्वती शिशु मंदिर में सर्वश्रेष्ठ संस्कारों की आधारशिला पर भैया बहिनों को शिक्षित किया जाता है, सर्वांगीण विकास किया जाता है इसलिए हमने  प्रवेश के लिए सरस्वती शिशु मंदिर का चयन किया। जिसमें भैया बहिन शिक्षा के साथ सुसंस्कारित हो सके और भविष्य में आने वाली चुनौतियों का सामना ठीक प्रकार से कर सकें।

No comments:

Post a Comment