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Monday, March 13, 2023

मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाने वालो को बदले में मिली बेरोजगारी

भोपाल। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में पोषण अभियान 2018-19 की तीन श्रेणियों में मध्यप्रदेश को उत्कृष्ट गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए थे। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रधान सचिव अनुपम राजन को पुरस्कार प्रदान किया था यह बात सबको पता हे। मगर इस पुरुस्कार को दिलाने के लिए जिस पोषण अभियान के कर्मचारियों ने मेहनत की थी उन लोगो को शिवराज सरकार ने बेरोजगार कर दिया है। आपको बता दें कोरोना काल के दौरान कई आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को बेरोजगार कर दिया था जिनमे से एक मधयप्रदेश के पोषण अभियान के कर्मचारियों भी थे। या यू कहे जिन्हे शिवराज सरकार बनते ही बाहर कर दिया था। व नए टेंडर के लिए लगातार आश्वासन दिया जा रहा था। परंतु चुनाव को करीब आते ही टेंडर तो किया मगर पुराने अनुभवी लोगों को दूर कर मलाई बाटने वालो को प्राथमिकता दे दी, t&m कंपनी द्वारा मांगे गए अनुभव और योग्यता में नही आने के बाद भी कंपनी ने अपना निजी स्वार्थ देखते हुए उनकी भर्ती कर दी गई। जिस कार्य में जहा टेक्निकल नॉलेज की जरूरत हे वहा कई लोग तो ऐसे भी भर्ती कर लिए गए जिन्हे ईमेल आईडी तक बनना नही आती। और सबसे शानदार तो ये हुआ की मधयप्रदेश के अंदर राजस्थान के व्यक्तियों को भर्ती में प्राथमिकता दी गई। पोषण अभियान के पूर्व कर्मचारियों का कहना है की आगामी चुनाव में भी मामाजी राजस्थान के लोगो से ही वोट लेंगे। 2016 से कार्यरत और अनुभवी लोगो को बाहर का रास्ता दिखा नए लोगों को रखना ये सब जाहिर करता है। की सरकार प्रशिक्षण के नाम से सरकारी पैसे का कैसे दुरुपयोग करने वाली हे। राजनीति में जहा अनुभव मायने रखता है। वहा योजनाओं या भर्ती में भी पैसे और पॉवर की जगह अनुभव को प्राथमिकता दी जाना चाइये। जानकारी के अनुसार इस भर्ती के दौरान एग्जाम और इंटरव्यू में पास होने के बाद भी पुराने अनुभवी लोगों को नहीं लिया गया। वही इस भर्ती के दौरान दलालों ने जमकर मलाई खाई मलाई के चक्कर में कई परियोजना में ऐसे लोग भी भर्ती कर दिए जिनके होने नही होने का कोई ओचित्य नही है। वही कई उच्च कर्मचारियों के करीबी भी अपने रसूख के चलते स्थान पा लिए और 2016 से 2020 तक मेहनत करने वाले लोगो व उसके बाद लगातार आश्वासन पाने वालो को 2022 में पता लग गया की प्रदेश को अवार्ड दिलाने के लिए की गई मेंहनत, प्रदेश की सरकार के लिए कोई मायने नहीं रखती।2016 से कार्यरत कर्मचारियों को 15 महीने की कांग्रेस के शासन में मिला था प्रमोशन भाजपा शासन में बिल्कुल बाहर कर दिया।

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