कहा जाता है कि शुक्ल अक्खड़ स्वभाव के थे और कांग्रेस के उन गिने-चुने नेताओं में शामिल थे जिन्होंने संजय गांधी को कभी खास महत्व नहीं दिया. जिसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ा. बता दें कि वो 1969 से 1989 तक एमपी के तीन बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल एक बार भी पांच वर्षों का नहीं रहा था.वे अविभाजित मप्र के राजिम विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. वे 1957, 1962, 1967, 1972, 1990, 1993 और 1998 में इस क्षेत्र से विधायक चुने गए. इस बीच सिर्फ 1977 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.Contact 8815255933

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