भानपुरा। (साहिल अगवान) वैसे तो प्रचार प्रसार के लिए मीडिया, सोशल मीडिया प्रमुख मध्यम हे। मगर आज कल बैनर फ्लेक्स का चलन भी आम हो गया है। पहले किसी व्यवसाय कंपनी या प्रोडेक्ट के प्रचार को लेकर इस का उपयोग होता था मगर आज कल राजनीति से जुड़े लोगो का भी यह एक अहम हथियार हो गया है, फिर वो चाहे कांग्रेस के नेता हो या भाजपा के इसी होड़ के चलते नगर में बैनर फ्लेक्स पोस्टरों से पूरा नगर भरा हुआ है। और सभी ने इसे अपना शक्ति प्रदर्शन का एक प्वाइंट भी बना लिया है। खेर जरूरी भी है आने वाले नेता भी इस चीज को देखकर नेताओ की सक्रियता का अंदाज लगाते है। फिर वो भाजपा की जन आशीर्वाद यात्रा हो या कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा या जन्मदिन हो या कोई आयोजन सभी नेता फ्लेक्स के मध्यम से जनता तक बात पहुचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। विधनसभा की दावेदारी मे भी इसी का उपयोग अहम हो गया है। नगर में अब दूर दूर के नेताओ के भी बैनर पोस्टर नगर में नजर आए, तो कही ऐसी घटना भी सुनने को आई गुट बाजी के चलते अपनी ही पार्टी के नेता के बैनर फ्लेक्स पोस्टरों दूसरे नेता के करीबीयो ने रात के अंधेरे मे फड़ दिए, ये सब खेल आने वाले के नेता के नजर में नम्बर ना बड़ जाने के डर के कारण किया होगा। वही एक घटना ऐसी भी सुनने में आई है जहा रात में एक नेता का बहुत बड़ा फ्लेक्स लगा और दूसरे गुट ने रात को ही उस फ्लेक्स को गायब कर दिया। जब इस बारे में पहले नेता को मालूम हुआ तो रात में ही अर्जेंट मैं वैसा ही बैनर छपवा कर सुबह होने से पहले वापस वही लगा दिया। जिससे रात को बैनर ले जाने वाले सवेरे वापस वही वैसा ही बैनर देख कर चौक गए। ऐसी कई और भी कई चर्चाएं हैं। फ्लेक्स की बात चल ही रही है तो नगर एक किस्सा आपको बता दे जिसमे कांग्रेस के जनप्रतिनिधि द्वारा अपने बड़े नेताओ के साथ हर त्योहार पर बड़े बड़े फोटो के साथ बैनर फ्लेक्स पोस्टर के मध्यम से बधाई दी जाती है, वही एक समाज के त्यौहार पर फ्लेक्स तो लगे मगर उसमे से फोटो सारे गायब हो गए। जिस को लेकर उस समाज के लोगो मे भारी अक्रोश है। खेर आगामी चुनाव के मद्देनजर नगर परिषद द्वारा बैनर फ्लेक्स खोलने की कार्यवाही शुरू कर दी है।

अगली खबर *समाज के अन्य दावेदारों के चलते कांग्रेस के तीन दावेदारों में से एक हुआ खेल के बाहर अब 2 पर टीका सारा खेल*
विज्ञापन
No comments:
Post a Comment