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Thursday, April 20, 2023

तपस्वी सम्राट परम पुज्य विराग मुनी जी महाराज के 95 उपवास पुर्ण उपवास अनवरत जारी तप अनुमोदनार्थ राजनांदगांव में 1300 से भी अधिक आराधकों ने 19 अप्रेल को उपवास किया भानपुरा में भी 25 आराधकों ने उपवास किया।

भानपुरा। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ सघं के इतिहास में पहली बार किसी जैन मुनि ने लगातार इतने उपवास किए हे खरतरगच्छ विभुषण परम पुज्य गुरुदेव जयानंद मुनी के शिष्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनय कुशल मुनी जी महाराज के सुशिष्य विराग मुनी के आज 95 उपवास कि तपस्या पुर्ण हुई और यह तपस्या जारी हे 19 अप्रेल को इस महान तपस्या के अनुमोदनार्थ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जहां गुरुदेव विराजित हैं वहां सकल जैन व अजेन 1300 से अधिक महिला पुरुषो बालक बालिकाओं ने उपवास किया,भानपुरा नगर में भी 25 से अधिक आराधकों ने तप अनुमोदनार्थ उपवास कि तपस्या कि गुरुदेव जयानंद मुनी,विनय कुशल मुनी व विराग मुनी का भानपुरा श्री सघं पर अपार आशीर्वाद हे ,भानपुरा श्री सघं को पुरे देश में इन्हीं तीन संतों के नाम से जाना जाता हे ,दस वर्ष पहले उधोगपति मनोज डाकोलिया,ने भौतिक संसाधनों को त्याग कर पुरे परिवार के साथ जैन मुनि दीक्षा ग्रहण कि अल्प काल में अपने त्याग व तपस्या व गुरु सेवा के बल पर आज विराग मुनी खरतरगच्छ जेन परम्परां में पुरे देश में अग्रणी संतों में गिने जाते हे ,विराग मुनी ने आज अपने 95 उपवास के बाद बिना माईक के 1200 से भी अधिक आराधकों को प्रवचन दिए। विराग मुनी तीन अभिग्रह को लेकर यह उत्क्रष्ट महान तपस्या कर रहे हे अभिग्रह फलने तक यह उपवास अनवरत जारी रहेंगे अभिग्रह फलने के लिए पुरे देश में विशेषकर राजनांदगांव श्री सघं तप तपस्याएं या अन्य धार्मिक आयोजन हो रहे हे ,गणाधीश विनय कुशल मुनी व विराग मुनी अपने साधु जीवन में पहली बार छत्तीसगढ़ प्रदेश पहुंचे हे छत्तीसगढ़ जैन समाज गुरुदेव कि धार्मिक क्रियाओ व त्याग तपस्या से अभिहीत हे ,विराग मुनी इतनी कठिन तपस्या में भी प्रतिदिन 3.30 बजे शयन त्याग कर सभी धार्मिक क्रियाये कर रहे हे बिना किसी आरम,सारम के यहां तक प्रतिदिन डेढ़ से पांच किलोमीटर पैदल चलकर अपने गुरु व संतों के लिए गोचरी लाते हैं ,विराग मुनी अपने गुरु गणाधीश पन्यास प्रवर विनय कुशल मुनी के साथ भानपुरा चातुर्मास कर चुके हे ओर यहां के श्री सघं पर अपार आशीर्वाद हे गुरुदेव कि तपस्या कि सुखासाता पुछने भानपुरा श्री सघं के साथ ही देश के कोने कोने से श्रध्धालु राजनांदगांव पहुंच रहे हे 40 डिग्री तापमान में गुरुदेव 95 दिन से निराहार हे पैदल नंगें पैर विहार करते हे किसी भी भौतिक साधनो का उपयोग नहीं करते हे सबका त्याग हे ,राजनांदगांव में व पुरे छत्तीसगढ़ में गुरुदेव कि तपस्या को लेकर अपार श्रध्धा व उत्साह व आश्चर्य हे इस युग में इतनी बड़ी तपस्या करना अपने आप में एक बिरला उदाहरण है पुरे देश में जैन श्वेताम्बर समाज में विराग मुनी कि तपस्या को लेकर उत्सुकता से कब अभिग्रह पुरे होंगे कब गुरुदेव का पारणा होगा पुरा राजनांदगांव धर्ममय हो गया हे ,भानपुरा श्री सघं में भी प्रतिदिन गुरुदेव कि तपस्या कि अनुमोदना के लिए श्रध्धालु आराधना कर रहे हे,।आज इस कलयुग में अगर किसी को केवल एक समय के लिए निराहार रहना पड़े तो नहीं रह सकता है ,विराग मुनी 95 दिनों से निराहार माने मात्र जल से वो भी सुर्यास्त बाद से अगले दिन सुर्योदय तक पुर्णतया निषेध वह भी इस भीषण गर्मी के दिनों में ,ऐसे महान तपस्वी विराग मुनी निराहार रहते हुए भी विहार करना गुरु भगवंतों के लिए गोचरी आदि लाना अपनी समस्त क्रियाओ के प्रति सजग,धन्य हे मुनिवर।

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