मंदसौर। मध्य प्रदेश की 230 सदस्यीय विधानसभा में इस समय कांग्रेस के 96 विधायक हैं, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 126 विधायक हैं. 4 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि दो बसपा और एक सपा का विधायक है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही आगामी चुनाव को लेकर अपने अपने स्तर से सर्वे करा रही है। भाजपा के हर सर्वे के बाद भाजपा की परेशानियां बड़ती नजर आ रही है कराए गए सर्वे में भाजपा के 126 विधायक में से मात्र 80 विधायक सेफ जोन में नजर आ रहे हैं बाकी अन्य सीटों पर भाजपा के लिए कशमकश बनी हुई है वही कांग्रेस द्वारा भी किए गए पूर्व सर्वे में 80 कांग्रेसी विधायक पुनः वापसी कर रहे है। जिनको कांग्रेस वापस चुनाव लड़ने की सोच रही हे। तो वही भाजपा के लिए मुश्किल और बड़ गई है।
क्योंकि सत्ता में वापस आने के 116 सीटे जितना आवश्यक है। कांग्रेस ने जहा आगामी चुनाव को लेकर कमलनाथ को कमान संभाला दी हे। तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर आगामी चुनाव लडेगी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कम होती लोकप्रिता के बाद से पार्टी मुख्यमंत्री का नया विकल्प भी तलाश रही हे। लगातार इतने साल से मुख्यमंत्री होने के कारण भी मुख्यमंत्री श्री चौहान की लोकप्रियता कम हुई है तो वही कुछ बुद्धिजीवी का कहना है की पार्टी के विधायकों से जनता की नाराजगी से भी मुख्यमंत्री की लोकप्रियता कम पड़ी है। तो वही 15 महीने बाद सत्ता जाने के बाद काग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मे कमलनाथ की लोकप्रियता और बड़ी हे। अगर वोट बैंक की बात करे तो इस बार भाजपा का पूरा ध्यान महिला वोट बैंक पर हे। तो कांग्रेस युवा वर्ग को आकर्षित करने के फर्मुले बना रही है। भाजपा इस बार टिकिट वितरण में भी महिला प्रत्याशी का खासा ख्याल रखेगी। अब चुनाव की बात हो ही रही है तो मंदसौर जिले की बात कर लेते हे। अगर बात करे मंदसौर में कांग्रेस के सर्वे की तो 4 सीटों में से दो डेंजर जोन में हे तो 2 सेफ जोन में मतलब साफ है की कांग्रेस की माने तो 2 सीट कांग्रेस जीत सकती हे। वही भाजपा के सर्वे की बात करे तो मंदसौर जिले की 3 सीटे सेफ जोन व 1सीट डेंजर जोन में हे। यह भी मतलब साफ है। की एक सीट भाजपा हार रहीं है। खेर इन सभी सीटों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। फिलहाल हम बात करे तीसरे गुट की तो आम आदमी पार्टी भी 230 सीटों से अपने प्रत्याशी मैदान में उतार की योजना बना रही है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, एम आई एम, के प्रत्याक्षी भी कुछ सीटों पर नज़र आयेंगे। एम आई एम का फिलहाल मधयप्रदेश को लेकर मंथन होना बाकी मगर राजस्थान में चुनाव लड़ने पर निर्णय ले चुकी हैं।

क्योंकि सत्ता में वापस आने के 116 सीटे जितना आवश्यक है। कांग्रेस ने जहा आगामी चुनाव को लेकर कमलनाथ को कमान संभाला दी हे। तो वहीं भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर आगामी चुनाव लडेगी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कम होती लोकप्रिता के बाद से पार्टी मुख्यमंत्री का नया विकल्प भी तलाश रही हे। लगातार इतने साल से मुख्यमंत्री होने के कारण भी मुख्यमंत्री श्री चौहान की लोकप्रियता कम हुई है तो वही कुछ बुद्धिजीवी का कहना है की पार्टी के विधायकों से जनता की नाराजगी से भी मुख्यमंत्री की लोकप्रियता कम पड़ी है। तो वही 15 महीने बाद सत्ता जाने के बाद काग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता मे कमलनाथ की लोकप्रियता और बड़ी हे। अगर वोट बैंक की बात करे तो इस बार भाजपा का पूरा ध्यान महिला वोट बैंक पर हे। तो कांग्रेस युवा वर्ग को आकर्षित करने के फर्मुले बना रही है। भाजपा इस बार टिकिट वितरण में भी महिला प्रत्याशी का खासा ख्याल रखेगी। अब चुनाव की बात हो ही रही है तो मंदसौर जिले की बात कर लेते हे। अगर बात करे मंदसौर में कांग्रेस के सर्वे की तो 4 सीटों में से दो डेंजर जोन में हे तो 2 सेफ जोन में मतलब साफ है की कांग्रेस की माने तो 2 सीट कांग्रेस जीत सकती हे। वही भाजपा के सर्वे की बात करे तो मंदसौर जिले की 3 सीटे सेफ जोन व 1सीट डेंजर जोन में हे। यह भी मतलब साफ है। की एक सीट भाजपा हार रहीं है। खेर इन सभी सीटों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। फिलहाल हम बात करे तीसरे गुट की तो आम आदमी पार्टी भी 230 सीटों से अपने प्रत्याशी मैदान में उतार की योजना बना रही है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी, एम आई एम, के प्रत्याक्षी भी कुछ सीटों पर नज़र आयेंगे। एम आई एम का फिलहाल मधयप्रदेश को लेकर मंथन होना बाकी मगर राजस्थान में चुनाव लड़ने पर निर्णय ले चुकी हैं।
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