Advertisement

Breaking

Advertisement

Wednesday, January 8, 2025

पिता पर था कर्ज, इसलिए की चोरी आरोपी बहू गिरफ्तार

शामगढ़ थाना पुलिस ने तीन दिन पहले हुई चोरी के मामले में बुधवार को खुलासा किया है। पुलिस जांच में सामने आया कि परिवार की बहू ने ही पिता का कर्ज चुकाने के लिए चोरी की वारदात को अंजाम दिया था।
पुलिस ने आरोपी बहू को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से चोरी गई सोने चांदी की ज्वेलरी सहित नकदी रुपये जब्त कर लिए हैं।

मंदसौर की शामगढ़ थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के ग्राम हनुमंतिया निवासी बालमुकुंद पिता सीताराम पाटीदार के घर में तीन दिन पहले दिनदहाड़े हुई 15 लाख रुपये मूल्य के आभूषण और नकदी चोरी के मामले में पुलिस ने बालमुकुंद की बहू को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से एक सोने का कड़ा (टड्डा), एक सोने की अंगूठी, एक सोने की चेन, दो सोने के टीके, एक जोड़ी सोने के टॉप्स, एक जोड़ी कान के कुंडल, एक जोड़ी कान के सोने के झुमके, एक सोने के मोती वाला मंगलसूत्र, 10 चांदी की बिछिया, एक जोड़ चांदी के कड़े, छह जोड़ी चांदी की पायल और एक लाख 51 हजार नकदी जब्त किए हैं।
एसडीओपी दिनेश प्रजापति ने बताया कि तीन दिन पहले फरियादी बालमुकुंद पिता सीताराम पाटीदार निवासी हनुमंतिया ने शामगढ़ थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि दोपहर में एक बजे से ढाई बजे के बीच जब उनके घर पर कोई भी परिजन मौजूद नहीं था। तब किसी ने घर में घुसकर घर में रखी आलमारियों से करीबन 15 लाख के सोने-चांदी के जेवर और नकदी चोरी कर लिए। दिनदहाड़े गांव में हुई चोरी की घटना को गंभीरता से लेते हुए अलग-अलग पुलिस टीम बनाई और साइबर टीम की भी मदद ली गई।

मंगलवार को फरियादी बालमुंकुद पाटीदार के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान फरियादी की बहू पर शक हुआ। शंका होने पर महिला आरक्षक की उपस्थिति में घटना के संबंध में सख्ती से पूछताछ की गई, जिसके फलस्वरूप बालमुकुंद की बहू ने चोरी करना स्वीकार किया, जिसे गिरफ्तार कर चोरी किए गए सोने-चांदी के आभूषण और नकदी एक लाख 51 हजार रुपये, कुल कीमती करीबन 15 लाख रुपये का जब्त किया गया।
पिता पर था कर्ज, इसलिए की चोरी
पुलिस पूछताछ में बालमुकुंद की बहु ने बताया कि उसके पिता बर्डिया अमरा में रहते हैं। उनके ऊपर काफी कर्ज था, जिससे वे परेशान हो रहे थे। इसी के चलते उसने अपने ससुराल में चोरी की घटना को अंजाम दिया, ताकि पिता का कर्ज चुकाया जा सके।

No comments:

Post a Comment