मंदसौर। प्रधानमंत्री आवास योजना यह नाम तो अपने सुना ही होगा यह भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाते हे। वैसे आपको बता दे प्रधान मंत्री आवास योजना को पहले इंदिरा आवास योजना के नाम से जाना जाता था । प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को घर देने की बजाय मध्य प्रदेश में कई कर्मचारियों और नेताओ ने अपना घर भरने के काम में ले लिया है। अक्सर प्रधान मंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार के किससे सुनने को मिल जाते है।
प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतें आम हो गई हैं. लगभग हर जिले से सैकड़ों शिकायतें हैं. सीएम शिवराज की सख्ती के बाद भी अधिकारी-कर्मचारी जमकर भ्रष्टाचार कर रहे हैं. इसी के मद्देनजर अब पीएम आवास योजना ग्रामीण के संचालक ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हितग्राही इस हेल्पलाइन नंबर 0755-2706201 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसमें शिकायत होने के बाद निराकरण की अवधि तय की गई है. मगर इसका कोई ओचित्य नही नजर आया अगर प्रधान मंत्री आवास योजना के किस्सों की बात करे तो सबसे पहले मध्य प्रदेश जिला रीवा की तो दिसंबर 2022 में एक मामला सामने आया था जिसमे शहरी क्षेत्र के वार्ड नं 10 निराला नगर से सुंदर नगर में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण विगत वर्ष पूर्व कराया गया था जहां प्रसाशन की अनदेखी और जिला ठेकेदार की घोर लापरवाही के चलते भ्रष्टाचार की झड़ी लगी हुई है, ठेकेदार ने घटिया निर्माण कराकर रहवासियों की कब्र तैयार कर दी है जो कभी भी धराशाही हो सकता है। अगर जबलपुर की बात की जाए। प्रधानमंत्री आवास योजना में धांधली करने वाले दो पूर्व CMO और दो उपयंत्रियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. EOW ने ये कार्रवाई की. चारों आरोपी जैरोन नगर परिषद निवाड़ी जिले के हैं. जनता की शिकायत पर सीएम शिवराज ने भरी सभा में मंच से सबको सस्पेंड कर दिया था. मामले की जांच के बाद कोर्ट के आदेश पर अब सभी को जेल भेजा गया.
जिला दमोह की अगर बात करे तो दमोह के पथरिया से बीएसपी की चर्चित विधायक रामबाई सिंह के चर्चे हमेशा रहते हैं तो वो अक्सर कुछ ऐसा कर जाती है शहर के बजरिया के एक हितग्राही के किस्त ना डलने को लेकर पालिका के दफ्तर में पहुंची रामबाई ने पहले कम्प्यूटर आपरेटर को खरी-खोटी सुनाई और इत्तेफाकन बजरिया वार्ड के पार्षद रघु श्रीवास्तव भी यहां मौजूद थे, तो रामबाई ने उन्हें भी आड़े हाथों लिया. गुस्साई विधायक ने साफ कहा कि बिना दस हजार के किसी हितग्राही के खातों में पीएम आवास योजना का पैसा नहीं डाला जा रहा है. पूरे मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार फैला रखा है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब चला और बात करे देवास की घटना की तो इसने खूब सुर्खियां बटोरी सरकार भले ही शासकीय योजनाओं में पारदर्शिता के लिए तमाम डिजिटल कदम उठा रही है. वहीं जब नेताओं का अधिकारियों के साथ एक सिंडिकेट बन जाए तो सारी पारदर्शिता पर पानी फेरा जा सकता है. इस बात का गवाह मध्य प्रदेश का देवास जिला है. यहां पर गरीबों के मकान के लिए आई करोड़ों रुपये की राशि अध्यक्ष से लेकर डिप्टी कलेक्टर तक खा गए. इस मामले में दोषियों पर लगातार शिकंजा कसा भी कसा गया नगर परिषद लोहारदा, नगर परिषद सतवास और नगर परिषद कांटा फोड़ के यहां पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सरकार द्वारा प्रदान की गई करोड़ों रुपये की राशि की हेराफेरी हुई है। और इस भ्रष्टाचार में 32 कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं।
अगला मामला जिला आगर मालवा के ग्राम पीपलीयाघाटा का जहा प्रधानमंत्री आवास योजना की तीसरी किस्त दिलाने के नाम पर आगर मालवा में एक सहायक सचिव ने 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी. यह मामला जब लोकायुक्त पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने आरोपी को ट्रेप कर लिया। वही सतना जिले की बात करे राहिकावरा पंचायत् मे तो वह 55 घर विहीन लोगो के घर कागजों में बना कर बिचौलियों ने 66 लाख करीब की राशि डकार ली। और हैरान करने वाली बात ये है की लोगो को पता ही नही की उनका आवास कब बना, एक मामले में तो भाजपा नेता पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने PM को पत्र लिखा और बागली में PM आवास योजना में बड़े घोटाले का आरोप लगाया था साथ केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की ओर तो ओर हुए भ्रष्टाचार को लेकर सड़क में उतरने की बात भी कह दी थी,

सीधी जिले के मझौली प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि योजना के तहत लाभार्थियों को मिलने वाली सहायता राशि का बड़ा हिस्सा कमीशनखोरी की भेंट चढ़ रहा है। आरोपी कमीशनखोरी के नाम पर लाभार्थियों को धमका रहे हैं। जबरन पैसा वसूला जा रहा है। इससे संबंधित एक वीडियो वायरल होने के बाद विभाग हरकत में आया और उसके बाद मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। वायरल वीडियो में आरोपी, लाभार्थियों को धमकी भी दे रहा है कि अगर कमीशन की रकम नहीं दी तो अगली किस्त रोकवा देगा।
अगर मन्दसौर जिले की तो यह भी ग्राम पंचायत और नगर पंचायत में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो चुके है। एक ताजा मामला अभी शामगढ़ नगर परिषद का सामने आया है। मध्य प्रदेश में ऐसे कई मामले हे जिन्हें विस्तार से नही बता सकते। कही जगह किस्त के नाम से वसूली की जाती रही। तो कही बिना पात्र हितग्राही को योजना का लाभ दे दिया गया है। तो कही गरीब की पूरी की पूरी राशि हड़प ली गई। मन्दसौर जिले में पंचायत और नगर पंचायत हुए आवास घोटाले में भी अगली खबर में आपको जरूर पड़ने को मिलेगा। इसी खबर को वीडियो में देखने के लिए लिंक पर क्लिक करे और चेनल ससक्रिब कर देवे।
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